हेलो दोस्तो, केसे है आप,उम्मीद है आप सभी अच्छे होंगे।और मेरी साइट www.bezubaanshayari.in पर रोजाना आपका आना रहा तो हमेशा अच्छे और खुश ही रहेंगे आप😂।बस अपना साथ और अपनी दुआओं को मुझ पर ऐसे ही बनाए रखना।
आज में आपके लिए लाई हु emotional shayari in hindi on life. जैसा के आप जानते है इंसान ही इंसान के जसबतो और emotions को समझता है और emotions को समझ सके आप आसानी से इसलिए में आपके लिए लाई हु आज की बेस्ट पोस्ट।जिसका नाम मेने बता दिया आपको। आशा करूंगी आपको मेरी पोस्ट पसंद आया और मेरी पोस्ट को शेयर करे ज्यादा से ज्यादा।
emotional shayari in hindi on life
"उन्होंने हमसे पूछा आज कल तुम दिखते नहीं, हमने भी कहा जब से आप ज़ुल्फे बांधने लगी है, तब से हवाओं ने रुख बदल लिया है।"
"वो मुझे हमेशा याद करती होगी, ये बात मैं भूल नहीं पाता हूँ।"
2 line emotional shayari in hindi
"अकसर ख़ामोशी सच्चाई बयां करती है।"
इमोशनल शायरी, बस एक वही मेरी ठहराव थी, मेरी ज़िंदगी के भाग दौर में।
"बस एक वही मेरी ठहराव थी, मेरी ज़िंदगी के भाग दौर में।"
emotional shayari in hindi on friendship
वो मेरी दरिया है, और मैं उसका नाविक हूँ।
"वो मेरी दरिया है, और मैं उसका नाविक हूँ। "
ख़ामोशी में तुझे सुनने लगे है, लगता है हम तेरे करीब आने लगे है।
"ख़ामोशी में तुझे सुनने लगे है, लगता है हम तेरे करीब आने लगे है।"
emotional shayari in hindi for boyfriend
"मेरी दुआ तभी मुकम्मल होती है, जब वो मुस्कुराती है।"
emotional shayari in hindi on life two line
"तेरे साथ गम भी अपना लगता है, तेरे बिना ख़ुशी भी पराई लगती है।"
"ना जाने क्यू आज तुम बादलों की तरह मेरे दिलों दिमांग पर छाए रहते हो।"
"मैं जिस्म में लिपटने वालों में से नहीं, मैं रूह से लिपटने वालों में से हूँ।"
"तुम्हारे लफ्ज़ ऐसे चूभे है हम में, मानों जैसे किसी ने खंजर मार दी हो।"
"हम किसी और से क्या मिलेंगे, हम खुद से बिछड़े हुए है।"
dosti emotional shayari in hindi
"ज़िंदगी ही नहीं रात भी तनहा लगने लगी है तुम्हारे बिना।"
"जो सही फैसला लेता है, वो अकसर अकेला ही नजर आता है।"
"किसी के बारे में कुछ भी मत सोचो, पहले उसे समझने की कोशिश करो।"
"वो मेरी पतंग थी और मैं उसका डोर। जब पतंग ही किसी और के छत पर गिर गई, तो डोर तो अब खुद में उलझ ही जाएगी।"
"तुम गलत भी करोगे, तो उसे सही बना लूंगा। तुम अगर मुझ से रूठोगे, तो में तुम्हे मना लूंगा।"
"कुछ लोग अपने हिसाब औरों को भी सोच लेते है।"
"कुछ कमी रह गई लगता है, इस बार ठीक से मतलबी बन कर आऊंगा।"
"मैं सताये हुए इंसान में से हूँ, मुझ पर अब कोई भी बात बेअसर होती है।"
"इज़्ज़त से हम अमीर है, पैसा तो हम ऐसे बेच कर भी कमा सकते है।"
"अपने आप के साथ भीग रहा हूँ, इस बेमौसम के बारिश में।"
"कहते है मेरी दिमागी हालत ठीक नहीं है आजकल, क्यू की मैं तुम्हारे बिना ही तुम से बात करता हूँ आजकल।"
"हर पल तुम्हारी याद आती है, किसी पल तुम भी आओ। "
"मुहब्बत अधूरी ज्यादा मुकम्मल लगती है। "
अब और दुआ दोगे तो मर जाऊंगा
इतना टूटा हूं कि छूने से बिखर जाऊंगा
और लाख कोशिश करो मुझे मिटाने की
पर मै तो खुशबू हूं ना फिज़ाओं में बिखर जाऊंगा।
कहता हैं की लिख दू इक ” नज्म ” तेरे नाम की
तुझे खुश ना कर पाऊ तो ये ज़िन्दगी किस काम की।
ये मुश्किल वक्त है लेकिन ये जल्दी बीत जायेगा,
ये एैसी रेस है जो रुक गया वो जीत जायेगा ।
छोड़ दिया मैंने अपने लफ़्ज़ों में किसी का जिक्र करना,
जब कोई आपको अपना ही ना समझे तो फिर उसकी फिक्र क्या करना।
क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो
किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है।
माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही,
पर ये सच ह के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही।
राज जाहिर ना होने दो तो एक बात कहूं,
हम धीरे-धीरे तेरे बिन मर जाएंगे।
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है;
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है;
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के;
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
मैं मानता हूँ खुद की गलतियां भी कम नहीं रही होंगी
मगर बेकसूर उन्हें भी कहना मुनासिब नही।
आज तुम जिसके कद्र नहीं कर रहे हो ना 🖤
यकीन मानो आज भी उनके लिए दुआ मांगी जाती है।
मुलाकात भी कभी आँसू दे जाती है,
नजरें भी कभी धोखा दे जाती है,
गुजरे हुये वक्त को याद करके देखिये,
तनहाई भी कभी कभी सुकून दे जाती है।
छोड़ दे तू मुझे गिला भी नहीं,,
मुझमे अब और कुछ बचा भी नहीं,
उसने बस यूँ कहा ,,चले जाओ
जल्दबाज़ी में, मैं रुका भी नहीं।
मतलबी जमाना है नफरतों का कहर है,
ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती जहर है।
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
जानता हूँ नहीं भूला पाऊँगा तुझे
पर दिखावा करने का हक तो है न मुझे।
वो खुदा की बनाई हुश्न-ए-परी थी
और उसके फकीर थे हम,
वो इसलिए नहीं है अब साथ में
वजह उसके हाथ की लकीर न थे हम।
बुला के अपने पास सारे गम दुर कर दो 😍
में तुमसे जुदा न हो पाउ इतना मजबूर कर दो।
जिंदेगी को तुम भी समझने लगोगे 👀
जब तुम इश्क किसी से करोगे और ❤️
नसीब को कुछ और ही कबूल होगा।💔